आज के समय में किसानों के लिए खेती करना बहुत ही मुश्किल कार्य है क्योंकि मौसम में आए बदलावों के कारण किसानों को तरह-तरह के चुनौतियों को सामना करना पड़ता है। तरह-तरह के चुनौतियों से निपटने के लिए और अपने फसल को बर्बाद होने से बचानेके लिए किसानों को हमेशा ही बिजली की आवश्यकता होती है जिसके लिए किसान सरकार से मिलने वाली बिजली पर निर्भर होते हैं। लेकिन सरकार से मिलने वाली बिजली भी किसानों के लिए उनका जरूरत के मुताबिक हमेशा उपलब्ध नहीं होती है।भारत के बहुत बड़े हिस्से में किसान बिजली आपूर्ति के लिए डीजल से चलने वाले मोटर पर ही निर्भर होते हैं जिससे उनकी खेती की लागत बढ़ जाती है और मुनाफा बहुत ही कम हो जाता है। सोलर पैनल या सौर ऊर्जा एक बहुत ही अच्छा बिजली का साधन है जिसका इस्तेमाल करके किसान अपने फसलों को बेहतर ढंग से उगा सकते हैं और कई तरह के लाभ उठा सकते हैं। आज के ब्लॉग में हम कृषि में सौर ऊर्जा का उपयोग करने के 10 बेहतरीन तरीकों पर बात करेंगे।
सौर ऊर्जा से चलने वाले वाटर पंप
खेती करने में पानी की आवश्यकता सबसे ज्यादा होती है इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए किसान अपने खेतों में सौर ऊर्जा से चलने वाले वाटर पंप का इस्तेमाल कर सकते हैं। वाटर पंप का इस्तेमाल करने पर किसानों को कई तरह के लाभ होते हैं। भारत सरकार किसानों को सोलर पंप लगाने पर 30 से 50 परसेंट तक की सब्सिडी प्रदान करती है जिससे किसानों की लागत कम हो जाती है। देश के अलग-अलग राज्यों में राज्य सरकार की किसने सोलर लगाने पर अलग-अलग राज्य को मुताबिक सब्सिडी प्रदान करते हैं।
सौर ऊर्जा से चलने वाले इलेक्ट्रिक बाड़
सौर ऊर्जा से चलने वाले इलेक्ट्रिक बाड़ आपके फसलों को जानवरों से बचाता है। दिन के समय किसान अपने खेतों में लगे हुए फसलों की रक्षा वहां रहकर कर लेते हैं लेकिन रात के समय में किसान अक्सर अपने घर पर होते हैं तो कई तरह के आवारा पशु फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं। अपने फसलों को आवारा पशुओं से बचाने के लिए अपने खेतों में बाढ़ का इस्तेमाल कर सकते हैं और उन बाड़ में सौर ऊर्जा से मिलने वाले बिजली करंट को लगा सकते हैं जिससे कि पशु खेतों में घुसने से बचेंगे और फसलों को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे
सौर ऊर्जा से चलने वाले ड्रिप इरिगेशन सिस्टम
खेती में उपयोग होने वाला ड्रिप इरीगेशन एक ऐसा सिस्टम है जिसके जरिए आप फसलों की जड़ तक सीधा पानी पहुंचा सकते हैं इस सिस्टम के सबसे बड़ी खासियत होती है कि पानी जब सीधे फसल की जड़ तक पहुंचता है तो खेतों में खरपतवार होने की संभावना बहुत कम हो जाती है। खरपतवार कम होने की वजह से फसल की उपज बहुत ही अच्छी मात्रा में होती है और किसानों को कीटनाशकों का इस्तेमाल कम करना पड़ता है। ड्रिप इरिगेशन सिस्टम को आप सौर ऊर्जा की मदद से भी चला सकते हैं इसमें बहुत ही कम बिजली का इस्तेमाल होता है जिससे किसानों को काफी बचत होता है।
ग्रीन हाउस में सौर ऊर्जा का इस्तेमाल
ग्रीन हाउस ग्रीन हाउस तकनीक में किसान हम फसलों को मिलने वाली तापमान को नियंत्रित करता है ग्रीन हाउस में उगने वाले फसल बाहरी वातावरण से बच्चे रहते हैं इससे फसलों की उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है।
ग्रीन हाउस की मदद से किसान फसलों को मिलने वाले तापमान को कम या ज्यादा कर सकता है उसकी जरूरत के मुताबिक। ग्रीन हाउस को ऊर्जा प्रदान करने के लिए सौर ऊर्जा एक बहुत ही अच्छा है साधन है इसकी मदद से आप ग्रीनहाउस को लगातार बिजली प्रदान कर सकते हैं और अपने पसंद को उत्पादन को बहुत ही बेहतर बना सकते हैं।
सौर ऊर्जा से चलने वाली मशीन
खेती करने में अक्सर कई तरह के मशीनों का उपयोग किया जाता है जैसे के ट्रैक्टर हार्वेस्टर और फसलों को काटने के लिए कई तरह की मशीनों का उपयोग किया जाता है। ट्रैक्टर जैसे बड़े उपकरण तो आप सौर ऊर्जा की मदद से नहीं चला सकते लेकिन आज के समय में बाजार में किसानों के लिए छोटे उपकरण आते हैं जो खेतों में ट्रैक्टर की तरह काम करते हैं और खेतों की जुताई में किसने की मदद करते हैं इसी तरह से फसलों को काटने और हार्वेस्ट करने के लिए भी छोटे-छोटे ऊपर आना आते हैं सौर ऊर्जा की मदद से इन सभी उपकरण को आप चला सकते हैं।
सौर ऊर्जा से फसलों का भंडारण
सौर ऊर्जा का इस्तेमाल आप फसलों का भंडारण में भी कर सकते हैं अगर आप फसल को नियंत्रित तापमान में रखेंगे तो उनकी सेल्फ लाइफ बढ़ जाती है और अनाज ज्यादा दिनों तक सुरक्षित रहता है। इसके लिए आपको भंडारण यूनिट बनाने की जरूरत होती है जिसमें सौर ऊर्जा द्वारा मिलने वाली बिजली से आप तापमान को नियंत्रित करके फसलों को लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं। सौर भंडार का सबसे बड़ा फायदा किसानों को यह होता है कि जब बाजार में फसलों की कीमत ज्यादा होती है तब वह अपने मुताबिक फसलों को बेच सकते हैं उन्हें जल्दबाजी में फसल कम कीमत पर बेचने की जरूरत नहीं होती है।
सौर ऊर्जा से चलने वाले निगरानी यंत्र
आज के दौर में तकनीक का इस्तेमाल करके किसान फसलों में होने वाली समस्याओं का निपटारा बहुत ही आसानी से करते हैं। जिसमें किसानों का साथ सौर ऊर्जा से चलने वाले निगरानी यंत्र देते हैं। यह कई तरह के यंत्र होते हैं जो खेतों के बीच में लगे होते हैं जो फसलों में होने वाले कीटो तथा मिट्टी की नमी और मौसम की बहुत ही सटीक जानकारी प्रदान करता है। इन सभी जानकारी का इस्तेमाल करके किसान फसलों में लगने वाले कीटों तथा पानी की जरूरत का आकलन करते हैं और और उसे अनुसार फसलों में दवाई की छिड़काव तथा अन्य प्रकार की व्यवस्था करते हैं
सौर कोल्ड स्टोरेज
शॉप कॉलेज स्टोरेज का इस्तेमाल करने वाले इलाके जैसे यूपी बिहार झारखंड राजस्थान मध्य प्रदेश में ज्यादा किया जाता है। इन इलाकों का तापमान गर्मियों में औसतन 40 से 50 डिग्री होता है। ऐसे में फसलों के बर्बाद होने का दर बढ़ जाता है। गर्मी के दिनों में बिजली की मांग ज्यादा होती है जिसके कारण किसानों को मिलने वाली बिजली में काफी कटौती होती है जिससे उनके फैसले बर्बाद होती है ऐसे में किसान सौर कोल्ड स्टोरेज का इस्तेमाल करके अपने फसलों को लंबे समय तक सड़ने से बचा सकते हैं।
सौर ऊर्जा से चलने वाले कीट निगरानी सिस्टम
यह व्यवस्था है जिसमें इसमें सौर ऊर्जा से चलने वाली छोटे-छोटे लाइटों को फसलों के बीच में लगाया जाता है जब रात होती है तो इन लाइटों की तरफ फसलों में लगे हुए किट पतंगें आकर्षित होते हैं। जब कीट पतंगे इन लाइटों की तरफ आकर्षित होते हैं तो वहां पर पतंग को मारने वाली दवाइयां होती है जिससे कीट पतंगे मर जाते हैं और फसलों का नुकसान होने से बचाया जाता है यह व्यवस्था जैविक खेती का एक हिस्सा है।
सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई कंट्रोल सिस्टम
सौर ऊर्जा से चलने वाले सिंचाई कंट्रोल सिस्टम का उपयोग करके पानी की बर्बादी को रोका जाता है यह सिस्टम यह निर्धारित करता है कि किस फसल को कितने पानी की आवश्यकता है उसके अनुसार ही पानी का वितरण किया जाता है। इसका इस्तेमाल करके भूमिगत जल स्तर को बनाए रखने में बहुत मदद मिलती है।
Note: सोलर पैनल खरीदने और सोलर सब्सिडी से सम्बंधित जानकारी के लिए आप लूम सोलर वेबसाइट पर विजिट कर सकते है। यहां पर आपको हर तरह की जानकारी मुफ्त में मिलेग। ये कंपनी भारत सरकार द्वारा रजिस्टर कंपनी है।
FAQ
Question: क्या सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने पर सरकार को सहायता प्रदान करती है
Answer :- हां भारत सरकार द्वारा कई ऐसी स्कीम चलाए जा रहे हैं इसकी मदद से कृषि में सोलर पैनल का इस्तेमाल पर 30 से 50% तक की सब्सिडी प्रदान होती है उन्हें में से एक योजना है पीएम कुसुम योजना है।
Question: सब्सिडी के लिए सोलर पैनल कहां से खरीदें।
Answer :- भारत सरकार द्वारा पंजीकृत किसी भी सोलर पैनल कंपनी से खरीदने पर आपको सब्सिडी मिल जाएगी। उन्हें में से एक कंपनी है लूम सोलर जो सोलर पैनल के साथ-साथ सोलर इनवर्टर और लिथियम आयन बैटरी भी बनती है
Question: क्या खेती में सौर पैनल लंबे समय तक कारगर होती है
Answer :- सौर पैनल की लाइफ 25 वर्ष तक की होती है आप अगर एक बार सॉल्व करना लगाते तो उसका इस्तेमाल 25 सालों तक कर सकते हैं देखा जाए तो एक अच्छा निवेश है जो लंबे समय तक किसानों के लिए कारगर साबित होती है।