मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना — एक नई शुरुआत

भारत में युवा बेरोजगारी एक बड़ी चुनौती रही है। बहुत से युवाओं ने 12वीं, ITI, डिप्लोमा या स्नातक तक की पढ़ाई पूरी की है, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल पाता या उनकी क्षमताओं के मुताबिक काम नहीं मिलता। ऐसे में अगर कोई उन्हें “काम सीखने” और “कमा पाने” का अवसर दे तो यह उनकी जिंदगी बदल सकता है। यही सोचकर भक्तिनगर जिले की सुपिंडी मण्डी ने 18 नवम्बर 2021 को भोजनापुर गांव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा फिर एक बयानक सीखो कमाओ योजना और रोजगार महाभियान का शुभारंभ किया था।

इस बयान संबंधित योजनाओं के बारे में में सही या गलत नहीं हो सकता किन्तु यह भी सच बताना चाहता हूँ कि इन्ही योजनाओं में सभी को एक समान लाभ नहीं मिलता हढ़् कारण सभी जिलों में रोजगार भियाने की घोषणा की गयी है.

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मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना क्या है?

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना एक तरह की योजना है | यानी कि इसके तहत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाता है, और उस दौरान उन्हें स्टाइपेंड भी मिलता है। उनके लिए अलग से कोई परीक्षा नहीं बल्कि काम सीखते समय ही कमाई होती है।

योजना का मूल नाम: Mukhyamantri Seekho Kamao Yojana MMSKY

योजना 2023 में लागू हो चुकी, पहले से ही कई कंपनियों ने इसके लिए पंजीकरण कर लिया था।

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के उद्देश्य — क्यों शुरू की गई?

मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना

मुख्य उद्देश्य:

  • पढ़ाई पूरी हो चुके युवाओं को व्यावसायिक कौशल प्रदान करना।
  • उन्हें “पॉकेट मनी + प्रशिक्षु शिक्षा” देना – ताकि वे बिना आर्थिक बोझ के काम सीख सकें।
  • प्रमाणित प्रशिक्षण + व्यावहारिक अनुभव के माध्यम से उन्हें रोजगार-योग्य बनाना।
  • बेरोजगारी कम करना, युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना, आर्थिक स्थिति सुधारना।
  • बनाओ इसमें सहायता, न अटकलें. आपकी शुभकामनाओं की बस तलाश हॼै.

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना के लाभार्थी कौन हो सकते हैं ? — पात्रता मानदंड

  • न्यूनतम योग्यता
  • इस योजना का लाभ लेने के लिए निम्न शर्तें हैं:
  • आवेदक का स्थाई निवासी होना चाहिए | योजना वर्तमान में मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए है।
  • आयु 18 से 29 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
  • कम-से-कम 12वीं उत्तीर्ण हो; ITI / डिप्लोमा / स्नातक या उच्च योग्यता वाले भी आवेदन कर सकते हैं।
  • बेरोजगार होना चाहिए या वे युवा जिनके पास रोजगार नहीं है क्योंकि योजना का उद्देश्य शिक्षा के साथ प्रशिक्षण देना है।
  • बैंक खाता होना चाहिए क्योंकि स्टाइपेंड सीधे बैंक खाते में भेजा जाता है।

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मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना लाभार्थी को क्या मिलता है?

  1. कौशल-प्रशिक्षण (Skill / On-job Training): योजना के तहत 700 से अधिक पाठ्यक्रम (courses) और लगभग 46 क्षेत्रों (sectors) में प्रशिक्षण की सुविधा उपलब्ध है – जैसे निर्माण, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, सिविल, होटल मैनेजमेंट, सेवा-क्षेत्र, बैंकिंग/एफ.एम.सी.जी., IT / टेक, आदि।
  1. मासिक स्टाइपेंड (Stipend): प्रशिक्षण के दौरान शिक्षा स्तर के अनुसार स्टाइपेंड मिलता है — 12वीं पास को ₹8,000/-, ITI पास ₹8,500/-, डिप्लोमा धारक ₹9,000/-, स्नातक या उच्च शिक्षा वालों को ₹10,000/- प्रतिमाह।
  1. प्रमाणपत्र (Certificate): प्रशिक्षण पूरा होने पर प्रमाण पत्र (State Council for Vocational Training – SCVT) दिया जाता है, जो भविष्य में नौकरी हेतु उपयोगी होता है।
  1. रोजगार या रोजगार-योग्यता: प्रशिक्षण के बाद लाभार्थी न केवल नौकरी पाने योग्य बनते हैं, बल्कि कई बार जिस कंपनी/संस्थान में प्रशिक्षण मिला हो — वहीं पर रोजगार (job) मिल जाने की संभावना भी होती है।
  1. आर्थिक सहायता + आत्मनिर्भरता: स्टाइपेंड के कारण प्रशिक्षण के दौरान युवा आर्थिक रूप से फंसे नहीं होते, पढ़ाई-भत्ता और खर्च के बीच संतुलन बना रहता है। इससे उनके परिवार की मदद होती है और आत्मनिर्भर नागरिक बनने में सहूलियत मिलती है।

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना आवेदन कैसे करें — प्रक्रिया

  1. लाइवलीहुड योजना * राज्य सरकार के अनुरोध के अनुसार (Go to the official portal of the scheme MMSKY.
  1. अभ्यर्थी पंजीयन / Candidate Registration पर क्लिक करें। समग्र ID (Samagra ID) और पंजीकृत मोबाइल नंबर से OTP वेरिफिकेशन करें।
  1. अपना बैंक खाता, आधार, शिक्षा आदि विवरण भरें और आवेदन फॉर्म जमा करें।
  1. संस्था द्वारा चयनित होने पर, अनुबंध (contract) साइन होगा, और आपको प्रशिक्षण शुरू करने का दिनांक दिया जाएगा। प्रशिक्षण आमतौर पर औद्योगिक या निजी संस्थानों में होता है।
  1. प्रशिक्षण अवधि के दौरान उपस्थिति और अन्य नियमों का पालन करना होगा; एक महीने के बाद स्टाइपेंड खाते में सीधे पहुँचती है।

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना की खूबियाँ — क्यों यह महत्वपूर्ण है

  • यह योजना उन युवाओं के लिए वरदान है, जिन्होंने स्कूल/कॉलेज तो पूरा कर लिया है, लेकिन कौशल (skill) नहीं मिला :अब वे बिना खर्च के काम सीख सकते हैं।
  • मासिक भत्ते (स्टाइपेंड) की वजह से आर्थिक बोझ नहीं :पढ़ाई, प्रशिक्षण और खर्च तीनों का संतुलन।
  • प्रमाणित प्रशिक्षण + व्यावहारिक अनुभव + संभावित रोजगार ,जो नियोक्ता (industry / companies) भी देखते हैं।
  • बेरोजगारी घटेगी — राज्य की आर्थिक स्थिति और सामाजिक विकास में मदद।
  • आत्मनिर्भरता बढ़ेगी — युवा अपना आर्थिक भार खुद उठा सकेंगे, परिवार व समाज पर निर्भर न रहेंगे।
  • स्किल इंडिया एवं भारत के रोजगार-संकल्प के उद्देश्य के अनुरूप — युवा भारत का उज्जवल भविष्य।

किन्हें हो सकती हैं चुनौतियाँ?

  • तथा सीखो-कमाओ योजना अच्छी कमीशन योजना है लेकिन इसके बावजूद निम्न चुनौतियों का सामना भी हो सकता है, जिन पर विचार करना चाहिए:
  • यह योजना केवल मध्य प्रदेश राज्य में रहने वाले युवाओं के लिए है और इसे दूसरे राज्यों में ला लागू नहीं किया जा सकेगा।
  • प्रशिक्षणार्थियों की संख्या सीमित रखी जा सकती है और प्रशिक्षणार्थियों का चयन पूर्णतया पारदर्शी एवं निष्पक्ष होना चाहिए।
  • कुछ चयनित युवाओं को नौकरी देने में सक्षम न होने की संभावना है और ऐसे मामले में प्रशिक्षा पूरा होने के बाद संबंधित योजनाएँ उन्हें स्व-रोजगार, अन्य उपयुक्त गतिविधि आदि के लिए प्रेरित करेंगी।
  • प्रशिक्षण के दौरान जिन वस्तुओं में सीधा नवीकरण बीमा, यातायात आवागमन, भोजन, डी एस आदि
  • प्रशिक्षणार्थी का व्यक्तिगत जिम्मेदारी होती है, वहाँ दिए जाने वाली होगी तथा सीधी नगद राशि की कुल वसूलि संबंधित संगठन द्वारा किसी एक बैंक खाते में कराई जाएगी।

आपके लिए सुझाव (Tips) — योजना का पूरा लाभ कैसे पाएं

  • अगर आप इस स्कीम का लाभ उठाना चाहते हैं तो आवेदन करने के समय सभी दस्तावेज सही तरह से अपलोड करें समग्र ID, आधार, बैंक विवरण, शिक्षा प्रमाण पत्र आदि।
  • किस क्षेत्र में प्रशिक्षित होने का रुचि रखते हैं, उसे ध्यान में रखकर प्रशि क्षण कोर्स चुने।
  • प्रशि क्षण अवधि में समय पर उपस्थिति, मेहनत और सीखने की भावना के साथ प्रशिक्षण करें क्योंकि नियोक्ता वही पसंद करते हैं जो लागन दिखाते हैं।
  • सीखते समय फ्री होस्टल योजना का भी उपयोग करें।
  • प्रशि क्षु के रूप में सीखने के साथ-साथ नेटवर्किंग करें जो सफल हैं।
  • प्रशि क्षण के बाद स्वरोजगार या स्थानीय उद्योगों की संभावनाों को अध्ययन करें।

निष्कर्ष — एक सुनहरा अवसर

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना एक ऐसा स्कीम है जो युवाओं को रोजगार यम व्यापारिक कौशल और आत्मनिर्भर बनाता है। यह सिर्फ एक काम सीखने का मौका नहीं हौं बल्कि युवाओं के जीवन परिवर्तन का भी अवसर प्रदान करता हौं—युवा को मेहनत करने के लिए एक समाज और सरकारी प्रणाली की सहायता करके अपना भविष्य अच्छे से तय करने की अनुमति देता है।

यदि आप मध्य प्रदेश प्रवासी हौं, 18 से 29 वर्ष की आयु के हौं, और आपने 12 वीं कक्षा तक या तबक भी का कोई अध्यनन किया हौ तो आपके लिए मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना मौका हौ।

ध्यान रहे—सही समय पर सही निर्णय जीवन के सफर में कारगरता और सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचाते है। “सीखो, कमाओ और आगे बढ़ो” यही मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना का संदेश हौं।

Q1. मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना क्या है?

 यह युवाओं को प्रशिक्षण के साथ-साथ मासिक स्टाइपेंड देकर रोजगार कौशल विकसित करने की सरकारी योजना है।

Q2. मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना किस राज्य की है?

यह मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजना है।

Q3. मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना कब शुरू हुई?

यह योजना वर्ष 2023 में शुरू की गई थी।

Q4. इस योजना का उद्देश्य क्या है?

युवाओं को स्किल ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार योग्य बनाना और आर्थिक सहायता देना इसका मुख्य उद्देश्य है।

Q5. इस योजना के तहत कितनी राशि मिलती है?

योग्यता के आधार पर युवाओं को लगभग ₹8,000 से ₹10,000 तक का मासिक स्टाइपेंड दिया जाता है।

Q6. क्या यह योजना सभी युवाओं के लिए मुफ्त है?

 हाँ, प्रशिक्षण और आवेदन दोनों पूरी तरह निःशुल्क हैं।

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